What is Afflicte Marketing (What is Affiliate Marketing in Hindi 2023 )
Affiliate Marketing Kya Hai 2023 ?
What is Affiliate Marketing in Hindi: -
एफिलिएट मार्केटिंग को सरल भाषा में समझें तो यह एक ऐसा काम है जिसमें हम किसी व्यक्ति या Company के साथ मिलकर उस के Product या Service का Promotion करने व बेचने का काम करते हैं.
एफिलिएट मार्केटिंग मुख्य रूप से ऑनलाइन की जाती है इसी कारण से एफिलिएट मार्केटिंग में प्रोडक्ट का प्रचार और प्रोडक्ट को बेचने का काम भी ऑनलाइन ही किया जाता है.
Affiliate Marketing Kya Hoti Hai?
एफिलिएट मार्केटिंग एक ऐसा काम होता है जिसमे हम किसी Product या Service को Online Promote करने का काम करते है. जब हमारे द्वारा Promote की गई Link से कोई Product या Service खरीद लेता है तो उस पर हमे Commission मिलता है.
इस commission को आप एफिलिएट income भी कह सकते है. इसका एक सबसे अच्छा उदहारण youtubers के द्वारा promote किया जाने वाला product का link होता है जो की वह अपनी video के description में देते है वह link एफिलिएट प्रोडक्ट की link होती है तो अगर आप उन link की मदद से उस product या service को खरीद लेते है तो उस पर youtuber को commission मिलता है.
Best Affiliate Marketing Websites top - 5
इंडिया में Affiliate Marketing के लिए कई अलग-अलग Affiliate Marketing Network हैं इनमें से हम कुछ प्रमुख Affiliate Marketing Network की लिस्ट आपके साथ नीचे साझा कर रहे हैं।
Amazon Affiliate Program
Flipkart Affiliate Program
Shopclues Affiliate Program
Godaddy Affiliate Program
eBay Affiliate Program
एफिलिएट मार्केटिंग के फायदे (Advantage of Affiliate Marketing)-
एफिलिएट मार्केटिंग को आप घर से ही कर सकते हैं. बस आपके पास एक लैपटॉप और इन्टरनेट कनेक्शन होना चाहिए.
आप घर बैठे पैसे कमा सकते हैं और 9 से 5 की नौकरी को छोड़ सकते हैं.
एफिलिएट मार्केटिंग शुरू करने के लिए आपको अधिक निवेश की जरुरत नहीं होती है.
एफिलिएट मार्केटिंग से 24/7 अनलिमिटेड पैसे कमा सकते हैं.
आप बिना खुद के प्रोडक्ट के भी ऑनलाइन बिज़नस कर सकते हैं.
आपको प्रोडक्ट का सपोर्ट देने की कोई जरुरत नहीं होती है, एफिलिएट को केवल प्रोडक्ट बिकवाना होता है और बाकी का काम Vendor का होता है.
एफिलिएट मार्केटिंग को शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं है
एफिलिएट मार्केटिंग के नुकसान (Disadvantage of Affiliate Marketing)-
अगर आप Paid Method से एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं तो इस बात की संभावना भी होती है कि आपको एक भी Sale ना आये और आपके पैसे बेकार चले जायें.
आपको Vendor की गाइडलाइन का पालन करके ही प्रोडक्ट बेचना पड़ता है, अगर आप उनके नियमों का उलंघन करते हैं तो वे आपको अपने प्रोग्राम को हटा सकते हैं.
आप अपनी तरफ से प्रोडक्ट को कुछ भी डिस्काउंट नहीं दे सकते हैं.
शुरुवात में आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी.
वैसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि एफिलिएट मार्केटिंग के कितने नुकसान हैं यह सभी भी ऑनलाइन पैसे कमाने के सबसे Best तरीकों में से एक है. आप आज से ही एफिलिएट मार्केटिंग की शुरुवात कर सकते हैं.
एफिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करता है?
ये सवाल का जवाब उन लोगों को जानना बहुत ही जरुरी है जो की Online field से जुड़े हुए हैं. यदि वो भी अपना affiliate start करना चाहते हैं तब तो उनके लिए Affiliate Marketing कैसे काम करता है जानना बहुत ही आवश्यक होता है।
अगर कोई product based company या organization अपने products की sale बढ़ाना चाहती है तब इसके लिए उन्हें अपने products को promote करना होता है. ख़ास इसीलिए उन्हें अपना affiliate program शुरू करना होता है.
Affiliate Marketing का business commission based का होता है. जब कोई अन्य व्यक्ति वो कोई blogger या वेबसाइट owner उस program को join करता है, तो इस प्रोग्राम को शुरू करने वाला company या organization उसे अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर उनके प्रोडक्ट्स प्रमोट करने के लिए कोई बैनर या लिंक आदि प्रदान करती है.इसके पश्चात उस blogger को अपने blog या website पर उस लिंक या banner को अलग-अलग प्रकार से लगाना होता है।
चूँकि उस blogger या website owner के sites में बहुत visitors daily आते हैं इसलिए ये मुमकिन है की उनमें से कुछ visitor show किये गए offer को click करता है तब वो product based companies के websites में पहुँचता है और कोई चीज़ खरीदता है या किसी service के लिए sign up करता है तो उसके बदले में वह कंपनी या organization उस blogger को इसके बदले में commission प्रदान करती है.
एफिलिएट मार्केटिंग से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ -
इस marketing में कुछ ऐसे terms का इस्तमाल होता है जिनके विषय में हम सभी को जानना बहुत ही जरुरी है. तो चलिए ऐसे ही कुछ definition के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं.
1. Affiliates:
Affiliates उन्हें कहा जाता है जो व्यक्ति किसी Affiliate program को join करके, उनके products को अपने sources जैसे की blog या website पर promote करते हैं. ये कोई भी व्यक्ति हो सकता है.
2. Affiliate Marketplace:
कुछ ऐसी companies है जो अलग-अलग categories में Affiliate Programs offer करती हैं, उन्हें Affiliate Marketplace कहा जाता है.
3. Affiliate ID:
यह एक unique ID होता है जो की sign up करने पर प्राप्त होता है. Affiliate Programs के द्वारा हर एक Affiliate को एक unique ID दी जाती है, जो Sales me जानकारियां जुटाने में help करती है. इस ID के मदद से आप अपने Affiliate account में login कर सकते हैं.
4. Affiliate link:
ये उस link को कहा जाता है जो की affiliates को product promotiong करने के लिए provide किये जाते हैं. इन links को click करके ही Visitors किसी product website पर पहुँचते हैं, जहाँ वह कोई प्रोडक्ट खरीद सकते है. इन links के द्वारा ही Affiliate program चलाने वाले sales को track करते है.
5. Commission:
एक successful selling हो जाने के बाद जो Amount उस blogger या फिर जो selling कराता है (affiliate) उसे commission कहा जाता है. ये amount Affiliate को प्रत्येक sale के हिसाब से प्रदान की जाती है. यह sale का कुछ percent हो सकती है या पहले से निश्चित कोई राशि जैसे की terms and condition में पहले से mentioned हो.
6. Link Clocking:
अक्सर Affiliate links लंबे और दिखने में थोड़े अजीब लगते है, इसके लिए ऐसे links को URL shortners का इस्तमाल कर छोटा बनाया जाता है जिसे की Link Clocking कहते हैं.
7. Affiliate मैनेजर:
कुछ Affiliate programs में Affiliates की मदद के लिए और उन्हें सही सुझाव (टिप्स) देने के लिए कुछ व्यक्ति नियुक्त किये जाते है, वे Affiliate मेनेजर कहलाते हैं.
8. Payment Mode:
Payment पाने की तरीके को Payment Mode कहते हैं. इसका अर्थ है की वह माध्यम (medium) जिसके द्वारा आपको आपकी commission दी जायेगी. अलग-अलग Affiliates अलग-अलग modes offer करते हैं. जैसे कि cheque, wire transfer, PayPal इत्यादि.
9. Payment Threshold:
Affiliate Marketing में affiliates को तब कुछ commision प्रदान किया जाता है जब वो कुछ minimum sale कर लें. इस sales को करने के बाद ही आप payment earn करने लायक बन जायेगे. इसे ही payment threshold कहा जाता है. अलग-अलग programs की payment threshold की amount अलग-अलग होती है.
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